कई गुना बढ़ चुकी है सरकारी कर्मचारी की आय लेकिन किसान वही है |
कई फसलों के दाम लगभग पिछले 10 सालो में मुश्किल से २०% तक बढे है जबकि एक सरकारी कर्मचारी की आय लगभग पांच गुना हो है और फिर भी आप लगभग हर दिन किसी न किसी विभाग के कर्मचारियों को हड़ताल पर देखते है जबकि इन्हे इनकी सैलरी के अलावा कई तरह के भत्ते भी मिलते है और आम धरना में सरकारी कर्मचारी सबसे कम काम करते है कुछ विभाग तो ऐसे हे जिनके पास काम ही नहीं है |
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| Kisaan : rojgaarduniya portal |
ऐसे में अगर किसान अपनी आय बढ़ाने की बात करता है तो इसमें गलत क्या है और सरकार की गलत नीतियों के कारन आज किसान क़र्ज़ में फंसा है तो इसकी माफ़ी में सरकार को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने 2012 से 2015 के बीच हज़ारो करोड़ पैसा बिजली कंपनियों का माफ़ किया है लेकिन किसानो के क़र्ज़ माफ़ की कभी बात नहीं करि है |
सरकार को करने होंगे ये तीन काम |
अब समय आ गया है के देश के सबसे बड़े वर्ग के लिए कुछ काम किया जाय और किसान को बड़ी रहत दी जाय और ये तभी संभव है जब आप कृषि को उद्योग के बराबर समझेंगे |इस के लये सरकार को ये तेन काम मुख्यतः करने चाहिए |
1- किसान आयोग का गठन
राज्यों के हिसाब से हर राज्य में किसान आयोग बने एवं ये सुनिश्चित करे के किसान को न्यूनतम मूल्य से कम ना मिले एवं उसकी आय कम ना हो |
2- किसान को डायरेक्ट आर्थिक सपोर्ट : UBI
जैसे तेलंगाना में किसान को 8000 सालाना सहायता सरकार देती है वैसे ही इसे हर राज्य में किया जय और इसको बढ़ा कर कम से कम 18000 किया जाय |
इस तरह काम करती है यूबीआई : UBI
- देश के हर व्यक्ति का अपना एक नंबर होता है। देश में इसे आधार नंबर से जोड़ा जाएगा।
- उस व्यक्ति का अपना एक अकाउंट होगा। हर महीने उस अकाउंट में तय राशि आएगी।
- इस स्कीम के तहत पैसा देने के बाद सब्सिडी सिस्टम खत्म कर दिया जाता है।
3- आय कम होने पर भरपाई
कृषि लगत एवं मूल्य आयोग को देश में ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए की जब किसी वजह से किसान की आमदनी कम हो तो सरकार उसकी भरपाई करे जैसे किसी उद्योग को सरकार बेल आउट पैकेज देती है |


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