kisan karz maaf


किसान की कर्जमाफी तो केवल आपके पूर्व के कर्मो का प्रायश्चित है |आगे सरकार बेहतरी के लिए कदम उठाये |


Kisaan Karz maafi

सन 2016 का आर्थिक सर्वेक्षण बताता है की किसान की मासिक आय लगभग 1666 रुपय है और यह स्थिर है आप पैर से गन्ने जैसी फसल का पैसा समय से नहीं मिलता है |आप सोचो अगर आप सरकारी नौकरी करते है और आपकी तनख्वाह एक साल तक ना मिले एवं सालो तक उसमे ना कोई बढ़ोतरी हो और न महंगाई भत्ता मिले तो क्या करोगे मेरे हिसाब से कई अपनी नौकरी छोड़ चुके होते या आत्महत्या कर चुके होते |



आप सोचो जितने में आपकी कार का खर्च नहीं उठ पाता इतने में एक छोटा किसान अपने परिवार का खर्च कैसे उठाएगा और इस स्तिथि की ज़िम्मेवार केवल पूर्व और वर्तमान की सरकार है अतः आपने क़र्ज़ माफ़ी कर के केवल अपने पापो का प्राश्चित मात्र किया है |



किसान के क़र्ज़ माफ़ पर आपत्ति क्यों ?
एक रिपोर्ट के अनुसार 2012  से 2018 के बीच 5 लाख करोड़ से ज्यादा उद्योग पतियों का क़र्ज़ माफ़ किया जा चूका है तो किसान के एक तरफ़ा क़र्ज़ को माफ़ करने में आपत्ति क्यों इसमें इतनी किन्तु परन्तु कैसे क्यों केवल फसली ऋण और क्यों मार्च और अप्रैल  |

सरकार को करने होंगे ये काम |
1- किसान आयोग  का गठन
राज्यों के हिसाब से हर राज्य में किसान आयोग बने एवं ये सुनिश्चित करे के किसान को न्यूनतम मूल्य से कम ना मिले एवं उसकी आय कम ना हो |
2- किसान को डायरेक्ट आर्थिक सपोर्ट
जैसे तेलंगाना में किसान को 8000 सालाना सहायता सरकार देती है वैसे ही इसे हर राज्य में किया जय और इसको बढ़ा कर कम से कम 18000 किया जाय |
3- आय कम होने पर भरपाई
कृषि लगत एवं मूल्य आयोग को देश में ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए की जब किसी वजह से किसान की आमदनी कम हो तो सरकार उसकी भरपाई करे जैसे किसी उद्योग को सरकार बेल आउट पैकेज देती है |



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